क्यूँ है कोहली विशेष? देखिये क्या लगता है जेसन रॉय को

Published on: Aug 7, 2018 12:55 pm IST|Updated on: Aug 7, 2018 12:56 pm IST

साल 2014 में जब भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया था तब हर ओर से विराट कोहली की फॉर्म पर सवाल उठे थे. गौरतलब है कि यह विराट का एकमात्र दौरा था जिसमें उन्हे रन बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था. विराट ने इस दौरे में 6 पारियों में केवल 134 रन बनाए थे.

 

इंग्लैंड बनाम भारत, 2014 की टेस्ट श्रृंखला में विराट की औसत किसी गेंदबाज जैसी थी. विराट की औसत 13.4 थी जो कि किसी गेंदबाज की औसत से भी ज्यादा खराब है. विरोधियों और क्रिकेट प्रेमियों ने विराट को खिलाए जाने पर और उनकी क्षमता पर कई सवाल खड़े कर दिए थे. सभी का सवाल था कि क्या 2018 में भी यही होगा?

 

भारत ने इंग्लैंड से पहला मैच हार लिया है और आने वाले हफ्तों में भारतीय टीम abhi कुल 4 मैच और खेलेगी, पर विराट कोहली ने साबित कर दिया कि 2014 का दौरा अब महज बीते दिनों की बात है.
पहले मैच की दोनों पारियों को मिला के विराट ने कुल 200 रन बनाए और वे एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने दोनों पारियों में भारत की उम्मीदों को जीवित रखा. दुर्भाग्यवश इंग्लैंड ने वह मैच करीबी रनों से जीत लिया और एडजस्टेन में खेले गए इस मैच में भारत को 31 रन से हार झेलनी पड़ी. पर विराट का प्रदर्शन भारत के लिए एक प्लस पॉइंट रहा.

 

इंग्लैंड के बल्लेबाज जेसन रॉय ने एमसीसी में एक वादविवाद के दौरान कहा कि, “उनका आत्मविश्वास कभी भी नहीं झुकता, उनके आत्मविश्वास और उनकी क्षमता पर पार पाने के लिए काफी मेहनत करनी होती है. वे काफी फिट भी हैं. और मुझे लगता है कि वे महान बल्लेबाज हैं, और मैदान पर सबसे चुस्त और फुर्तीले हैं.”

 

इंग्लैंड नहीं डरता कोहली से : रॉय 

 

किसी भी बल्लेबाज के लिए दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरना, काफी निराशाजनक घटना है, इससे वह अपना फोकस खो सकता है, पर कोहली ऐसे बल्लेबाजों में से नहीं.

 

रॉय ने यह भी कहा कि इंग्लैंड कोहली से नहीं डरता. 

 

रॉय ने कहा कि,” वह एक मंजे हुए बल्लेबाज हैं, फुर्तीले धावक हैं, चुस्त फील्डर हैं परंतु इंग्लैंड की टीम उनका तोड़ हर मुकाबले में निकाल लेगी.” पूर्व भारतीय बल्लेबाज और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने भी मिलता जुलता ही बयान दिया.

 

मांजरेकर ने कहा कि, ” सुनील गावस्कर ने 1987 में क्रिकेट को अलविदा कहा, उसके बाद 1989 में हमें सचिन मिले, और अब जब सचिन ने क्रिकेट से सन्यास लिया है, तब हमारे पास कोहली हैं.”
रविवार को, सचिन के बाद कोहली पहले ऐसे बल्लेबाज बने जिन्होने टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में ही रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया हो. गौरतलब है कि सचिन ने यह 2011 में किया था. विराट ने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्मिथ को पीछे छोड़कर यह स्थान प्राप्त किया.
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What makes Kohli special? This is what  Jason Roy believes

Published on: Aug 7, 2018 11:31 am IST|Updated on: Aug 7, 2018 11:31 am IST

Kohli’s is the fittest, Greatest Batsman: Roy

 

Several questions were being raised on Virat Kohli when India toured England in 2014 as it was the only overseas tour where Kohli’s bat lacked the firepower.

With a below par average of 13.40 in the whole series, much of his critics were questioning if Virat would come stronger this time or not?

India are bound to play four more Test matches against England, but Kohli proved in the first Test match itself why he is called one of the best batsmen of the world.

He scored 200 runs in the first Test match and stood concrete as a wall denying to surrender before the English bowlers. Although England won a close-fought match against India at Edgbaston by 31 runs, Kohli’s performance was still was a talking point.

“His self-confidence never dips, it takes a lot for that to take a beating. And That is what makes him very special. He is also the fittest of all. I think he is the fittest, greatest batsman,” England batsman Jason Roy said in a debate during the MCC Spirit of Cricket Cowdrey Lecture.

 

England’s not afraid of Kohli: Roy 

 

For other cricketers pressure situations of such kind where wickets were constantly falling on the other end, would have made them nervous, but not Kohli.

Roy also jumped quickly to deny that England were not scared of him.

“He is an outstanding athlete, an imposing batsman and an imposing batsman, but we will find a way of dismantling him,” Roy said.

Former India batsman and now commentator Sanjay Manjrekar also echoed similar sentiments.

“Sunil Gavaskar quit in 1987 after which Sachin Tendulkar emerged in 1989, and as he winded his illustrious career, we have Kohli,” said Manjrekar.

On Sunday Kohli became the first batsman after Sachin Tendulkar in 2011 to achieve the numero uno position in Tests and ODIs. He jumped past Australian banned cricketer Steve Smith to obtain the position.

 

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