Published on: Nov 10, 2018 2:48 pm IST|Updated on: Nov 10, 2018 2:48 pm IST
2011 विश्व कप विजेता टीम के हिस्सा रहे तेज़ गेंदबाज़ मुनाफ पटेल ने क्रिकेट के सभी प्रारूप से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। मुनाफ पटेल के सफर की बात करें तो सबसे पहले इन्हें पहचान तब मिली जब इन्होंने 2003 में इंडिया A की ओर से न्यूज़ीलैंड A के खिलाफ अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच खेला। मुनाफ के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए इसके तीन साल के अंदर अंदर इन्हें भारतीय टीम की भी जर्सी पहनने का मौका मिल गया।
मुनाफ ने अपना पहला अंतराष्ट्रीय मैच 2006 के मार्च महीने में साउथ अफ्रीका के खिलाफ डरबन में खेला था। वह टेस्ट मैच था। इसके अगले ही महीने इन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में भी पदार्पण कर लिया।
मुनाफ पटेल का अंतराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर चोट के कारण काफी प्रभावित हुआ जिस कारण मुनाफ अक्सर टीम के अंदर बाहर होते रहे। अंतराष्ट्रीय कैरियर पर नज़र डालें तो मुनाफ ने सिर्फ 13 ही टेस्ट मैच खेले जिसमें इन्होंने 35 विकेट हासिल किए।
मुनाफ का वनडे कैरियर ज़रूर कुछ बेहतर रहा। इन्होंने 2006 से 2011 के बीच कुल 70 वनडे मैच खेले जिसमें इन्होंने 86 विकेट चटकाए। भारत की ओर से इन्हें 3 T20 मैच भी खेलने का मौका मिला जिसमें इनके नाम 4 विकेट दर्ज है। 2011 के वर्ल्ड कप में इन्होंने 8 मैच खेलते हुए 11 विकेट चटकाए थे। मुनाफ ने 63 IPL मैच में 74 विकेट लिए हैं।
मुनाफ ने सन्यास के बारे में बात करते हुए कहा की सन्यास लेने का कोई अफसोस नही है। इन्होंने आगे कहा की उनके साथ खेलने वाले सभी क्रिकेटर रिटायर हो चुके हैं केवल धोनी ही अब तक खेल रहे हैं। सब का टाइम खत्म हो चुका है। अगर सारे खेल रहे होते और मैं सन्यास ले रहा होता तो दुख होता।
सन्यास के पीछे की वजह पूछे जाने पर मुनाफ ने कहा की कोई खास वजह नही है। उम्र ही चुकी है और फिटनेस एक सी नही रहती है। क्रिकेट खेलते हुए यादगार पल के बारे में पूछे जाने पर इन्होंने कहा की 2011 वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा होने से बड़ी बात कुछ नही हो सकती है।